Nasa ने जारी की किसी यान कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग की ओरिजनल वीडियो

 अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 फरवरी की रात अपने perseverance  रोवर को जंजीरों क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कराया इसी के साथ अमेरिका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है पर पर्सीवरेंस रोवर को मंगल ग्रह पर भेजने का मकसद है प्राचीन जीवन का पता लगाना मिट्टी और पत्थरों का सैंपल लेकर धरती पर वापस आना मंगल ग्रह पर पांचवा रोवर भेजने वाला पहला अमेरिका देश में है 11 साल और 19977करो ड  रुपए लगे इसमें बनाने में 


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 फरवरी को की रात करीब 2:30 बजे अपने perseverance रोवर को जंजीरों क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कराया इसी के साथ अमेरिका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश है इस रोवर को मंगल ग्रह पर भेजने का  मकसद प्राचीन जीवन का पता लगाना मिट्टी और पत्थरों के सैंपल धरती पर वापस भेजना  कर आना जंजीरों क्रिएटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है जंजीरों क्रेटर में गहरी घाटी  कि पहाड़ों का समुद्र है ऐसे में पर perseverance मार्स रोवर की लैंडिंग की सफलता पर पूरे समय दुनिया भर के साइंटिस्ट की निगाह टिकी हुई थी नासा ने पहले ही कहा था कि अब तक की सबसे सटीक लैंडिंग होगी ऐसा माना जाता है कि जंजीरों क्रेटर में पहले नदी बहती थी जो कि एक झील में जाकर मिलती थी जिसके बाद वहां पर अब पंखे के आकार का डेल्टा बन गया है हो सकता है कि वह जीवन के संकेत मिले

नासा के वैज्ञानिकों के लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता यह थी कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में perseverance रोवर की एंट्री उसका लैंडिंग यह सब काम करने में नासा की टीम को 7 मिनट का समय लगा इस 7 मिनट तक नासा के बैज्ञानिको की सांसे धीमी चल रही थी क्योंकि मंगल ग्रह पर perseverance की लैंडिंग की हर जानकारी धरती पर वैज्ञानिकों को 11:00 मिनट 22 सेकंड के बाद मिलनी थी।



पहला रोवर है जो परमाणु ऊर्जा से मंगल ग्रह जमीन पर चलेगा 

पर्सीवरेंस मार्स रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है जबकि  एलिकॉप्टर 2 ग्राम का वजन का है रोवर परमाणु ऊर्जा से चलेगा यानी पहली बार किसी रूप में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग में किया जा रहा है रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है यह मंगल ग्रह की तस्वीरें वीडियो और नमूने लेकर आएगा 

मालूम चलेगा कि भविष्य में इंसान रह पाएंगे मंगल ग्रह पर या नहीं

यह रोवर मंगल ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड से आक्सीजन बनाने का काम करेंगे मौसम का अध्ययन करेंगे ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट को आसानी हो रोवर में लगे मार्स एनवायरमेंट डायनामिक्स एलाइन जरिए बताएंगे कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं वहा पर तापमान धूल वायुदाब  रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा ।

पहली बार देखने को मिलेगी किसी रोवर की ओरिजिनल लैंडिंग की वीडियो

आज तक जितने भी देश है उन्होंने जितने भी अंतरिक्ष यान भेजे हैं उनकी जो वीडियो हमको दिखाई देते हैं और जनता को समझने के लिए एनीमेशन वीडियो होती है जिसे यह समझाया जाता है कि हमारी रोवर की लैंडिंग किस प्रकार की गई थी और किस प्रकार काम करेगी।

लेकिन इस बार नासा ने  इस मिशन मे रोवर की लैंडिंग की लाइव वीडियो शेयर की है इसमें दिखाया गया है कि रोवर किस प्रकार लैंड करता है और उसका पैराशूट खुलने का समय और अंतरिक्ष के रंग का ब्लैक कलर में दिखाई देना और लैंड करते समय मंगल ग्रह की जमीन का  लाल रंग दिखाई दे रहा है और धूल उड़ती हुई भी दिखाई दे रही है। 


पहली बार मंगल ग्रह पर रोवर लैंडिंग की ओरिजिनल वीडियो  नीचे देखे

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